प्रस्तुत कविता पुष्प के माध्यम से उन भावनाओं की प्रस्तुति है, जिनमें राष्ट्र के प्रति समर्पण भाव और आत्म त्याग की वृत्ति को अभिव्यक्त किया गया है।कविता में पुष्प का मानवीकरण किया गया है। पुष्प पर मानवीय भावनाओं का आरोप लगाते हुए राष्ट्र के प्रति बलिदान की भावनाओं को सर्वोपरि मानते हुए राष्ट्र समर्पण का आवाहन किया गया है। कवि पुष्प के माध्यम से उन आकांक्षाओं, अभिलाषा ओं को व्यक्त करता है, जो इस भारत के नागरिक होने के नाते हम सभी में होनी चाहिए। एक सामान्य पुष्प देश के लिए जिस समर्पण भावना को प्रकट करता है, वह मनुष्य होने के नाते राष्ट्र पर प्राण न्यौछावर करने के लिए हमें भी उद्युक्त करती है।
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गुरुवार, 6 अगस्त 2020
पुष्प की अभिलाषा by माखनलाल चतुर्वेदी
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