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इंटरनेट

        सूचना प्रौद्योगिकी के इस युग में रोटी, कपड़ा, मकान की तरह ही इंटरनेट डाटा भी मनुष्य की मूलभूत आवश्यकताओं में शामिल हो चुका है। वर्तमान में संभवत: स्थिति यहां तक चुकी है कि शायद हम रोटी के बिना रह सकते हैं पर इंटरनेट डाटा के बिना नहीं। आज का हर वर्ग समूह का अधिकांश जन कपड़ों से ज्यादा मोबाइल के रखरखाव की ओर ज्यादा ध्यान देते हुए दिखाई देता है। 
इंटरनेट इस शब्द का पूर्ण विस्तृत रूप है- इंटरकनेक्टेड नेटवर्क (Interconnected Network)इंटरनेट वास्तव में Global Wide Area Network है, जो दुनियाभर के कंप्यूटर सिस्टम (Computer System) को एक दूसरे से जोड़ने का काम करता है। 1990 के बाद जिस तरह से आर्थिक नीतियों में परिवर्तन हुआ, उसके साथ ही इंटरनेट प्रणित प्रणालियों का उपयोग अधिक से अधिक बढ़ने लगा। 2020 तक, आज यह स्थिति चुकी है कि हर एक की जेब में इंटरनेट अपनी जगह बना चुका है। वर्तमान व्यवस्था में कुल विश्व संख्या के एक चतुर्थांश लोग अपने अलग-अलग दैनिक व्यवहार में इंटरनेट का प्रयोग कर रहे है, तो अन्य जनसंख्या किसी किसी रूप में इंटरनेट को अपनी जिंदगी में शामिल किए हुए हैं।

इंटरनेट के पहले

      जैसे कि कहा जा चुका है 1990 के बाद इंटरनेट का प्रभाव वैश्विक जन समूह पर बढ़ने लगा। इंटरनेट के माध्यम से हमने प्रगति के नए-नए शिखरों को पादाक्रांत किया। आज इंटरनेट हमारी जिंदगी का अभिन्न हिस्सा बन चुका है। लेकिन जिस तरह से इंटरनेट हमारी रोजमर्रा की जिंदगी को प्रभावित कर रहा है, उसे देखते हुए कहीं-ना-कहीं इस चीज का भी हमें आभास हो रहा है कि हम इंटरनेट अर्थात अंतरजाल के जाल में कहीं उलझ तो नहीं रहे हैं? हमारे लिए यह भी देखना आवश्यक होगा क्या सच में इंटरनेट के बिना हम कुछ भी नहीं है? इन सवालों के जवाब के लिए हमें मार्गदर्शन करने का काम हमारा भूतकाल ही करेंगा। हम इस तथ्य से इनकार नहीं कर सकते इंटरनेट ने ही ज्ञान-विज्ञान के संसाधनों को कम से कम वक्त में प्रचारित-प्रसारित करने में अमूल्य योगदान दिया है। मात्र हम इस तथ्य से भी इनकार नहीं कर सकते कि इंटरनेट के पहले भी हमारी 
ज्ञान-विज्ञान से पूर्ण दुनिया थी। इंटरनेट के पहले हमारे ज्ञान का आधार किताबें थी। लगभग हर एक घर में किताबों का संसार दिखाई देता था, पाठकों की भीड़ लगे ग्रंथालय थे, खाली समय में खेल खेले जाते थे, संगीत के सुर लगाए जाते थे, बड़ों की सेवा-बच्चों का दुलार होता था, घर में ही चर्चाएं हुआ करती थी, धर्म-इंसानियत के पाठ हो या राजनीति-समाजनीति पर परिवार या मित्रों में संवाद-विवाद हुआ करते थे। इंटरनेट के पहले अभिव्यक्ति का आधार प्रत्यक्ष ज्ञान था। नई-नई संकल्पना मन-मस्तिष्क में उभरती थी। अर्थात एक भरा पूरा विश्व बिना इंटरनेट के चल रहा था।
       

इंटरनेट की व्याप्ति या क्षेत्र 

      आज इंटरनेट अपने बलबूते पर कई क्षेत्रों में अपनी जगह कायम कर चुका है। इसकी व्याप्ति इतनी बढ़ चुकी है कि कुछ लोग इसके बिना शायद जिंदगी का अस्तित्व स्वीकार करें। आइए देखते हैं वे कौन से क्षेत्र है जहां इंटरनेट का व्यावहारिक रूप प्रबल है।

संचार

यह इंटरनेट का सबसे लोकप्रिय उपयोग है। जिसमें ईमेल, चर्चा समूह, यूज़ नेट समाचार, कई तरह के चॅट समूह आदि को लिया जा सकता है। संचार प्रेषक का प्राप्तकर्ता को सूचना भेजने की प्रक्रिया का नाम है, जिसमें जानकारी पहुंचाने के लिए ऐसे माध्यम का प्रयोग किया जाता है जिससे सूचना प्रेषक और प्राप्तकर्ता भली-भांति समझ पाए। वास्तव में संचार विभिन्न प्रणालियों के माध्यम से सूचना का आदान-प्रदान है। इंटरनेट ने आधुनिक संचार माध्यमों के द्वारा वैश्विक समाज को एकजुट करने की प्रक्रिया में काफी हिस्सेदारी निभाई है। आज आप दुनिया भर के लोगों के सामने सिर्फ अपनी बात, बल्कि अपने आप को भी रख सकते हैं।

अनुसंधान

 अनुसंधान अथवा Research से जुड़ी जरूरत की सारी जानकारी एक Click के साथ आपके सामने लाने की जादू इंटरनेट से ही संभव हो पाई है। अनुसंधान के क्षेत्र में पूर्व में किए गए शोध, इन शोधों के ब्यौरे, शोध तकनीक आदि सभी आपको इंटरनेट से उपलब्ध करवाया जा रहा है। जिसका फायदा वैश्विक स्तर पर हो रहे अनुसंधानों का जायजा ले उसके साथ नई खोज की संभावनाओं पर भी काम करने के लिए हो रहा है। विषय विशेष के सर्च इंजिन इस हेतु सहायक सिद्ध हो रहे हैं।

शिक्षा

शिक्षा के क्षेत्र में भी इंटरनेट में क्रांति ला दी है। जिससे परंपरागत शैक्षिक रूप और पीछे छूट रहा है। उसकी जगह virtual classroom ले रहा है। दुनिया भर के शैक्षिक संस्थान आज इंटरनेट से एक दूसरे से जुड़े हुए हैं। Digital College, Digital Classroom, Digital Library जैसे संकल्पनाएं आज हमारे नई नहीं है। 
Information & Communication Technology (ICT) ने शिक्षा जगत के सहारे हमें नई दुनिया की दहलीज पर लाकर खड़ा कर दिया है। वर्तमान में एलेक्ट्रोनिक पुस्तकालयों की बढ़ती संख्या के साथ शिक्षा सामग्री के विद्यार्थियों तक सहज वितरण में इंटरनेट महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर रहा है। Google Classroom, WhatsApp, Facebook, E-Learning इसी का परिणाम है। इंटरनेट की सहायता से कई ऑनलाइन कोर्स तथा डिग्री पाने के अवसर हर उम्र के विद्यार्थीयों को मिल रहे हैं। SWAYAM जैसे कोर्स इसके अच्छे उदाहरण है।

नेट बैंकिंग

इसे ऑनलाइन बैंकिंग (Online Banking) या इंटरनेट बैंकिंग (Internet Banking) भी कहा जाता
है। यह बैंक ग्राहक को इंटरनेट द्वारा अपने घर, कार्यालय या कहीं से भी अपने बैंक खाते को परिचालित करने की सुविधा देता है। बैंक के द्वारा दी गई कुंजिका अर्थात पासवर्ड इस हेतु महत्वपूर्ण है। वर्तमान में बैंकों की शाखाओं का विस्तार देखते हुए लगभग हर बैंक नेट बैंकिंग के विकल्प के साथ काम कर रही हैं। कुछ सावधानी के चलते यह अर्थव्यवस्था का महत्वपूर्ण घटक बन चुका है। घर बैठे खरीदारी, एक खाते से दूसरे खाते में पैसों का स्थानांतरण, तथा बैंक संबंधी लगभग सभी कार्य नेट बैंकिंग से संभव है। अब बैंकों में लंबी लाइनें लगाने की जरूरत नहीं है, बैंक के समय के हिसाब से दौड़-धूप करने की आवश्यकता है।

ऑनलाइन समाचार

वर्तमान में लगभग सभी समाचार चैनल अथवा समाचार एजेंसियां अपने दर्शकों, पाठकों तक पहुंचने के लिए इंटरनेट के बल पर एक दूसरे से कड़ी स्पर्धा कर रहे हैं। विगत कुछ वर्षों में 24 घंटे प्रसारण करने वाले समाचार चैनल एजेंसियों की संख्या बढ़ रही है। 
समाचार के प्रसारण की बदलती शैली, समाचारों के प्रसारण से विशिष्ट ढंग आदि के द्वारा समाचार पाठकों की जिज्ञासा में अधीरता लाने का होने वाला प्रयास ने ऑनलाइन समाचारों के महत्व को और बढ़ा दिया है। आज जहां-जहां मोबाइल और इंटरनेट की रेंज है, वहां-वहां समाचार है। सबसे बड़ी खबर, ताजा खबर, खबरें फटाफट इसी ऑनलाइन समाचार तंत्र के शब्द है, जो हर मिनट खबरें पहुंचाने के लिए अग्रसर रहना चाहती है।

सिनेमा, संगीत, साहित्य

आज थिएटर में जाकर सिनेमा देखना मतलब पिछले जमाने की बात। Netflix, Voot, Amazon Prime, Hotstar, Youtube और न जाने कितने ऐसे प्रोग्राम है, जिन्होंने फिल्म की संकल्पना को ही बदल कर रख दिया है। इंटरनेट के कारण आज फिल्म थिएटर की चारदीवारी से निकलकर मनुष्य सुलभ परिवेश का मनोरंजन बन चुकी है। बस, ट्रेन या कहीं भी- किसी भी जगह, कतार में, एकांत में फिल्में देखने के लिए उपलब्ध है, सिर्फ इंटरनेट के कारण। रही संगीत की बात, तो इंटरनेट पर संगीत प्रथम MP3 के रूप में आया, यही संगीत आज mp4,wav तथा अन्य रूपों में मिलता है। ऑडियो फाइल, जिसमें कितने ही नए और पुराने गाने हैं, इंटरनेट पर सहजता से उपलब्ध है। इसी इंटरनेट के कारण वर्तमान में कई नए कलाकारों को अपना हुनर दिखाने का मौका मिला है और वे आज प्रसिद्धि के शिखर पर है।
ठीक वैसे ही विभिन्न देशों तथा विभिन्न भाषाओं का साहित्य इंटरनेट द्वारा सहज उपलब्ध हो रहा है। अनेक विश्वविद्यालय एवं शैक्षिक संगठन Digital Library को प्रधानता दे रहे है। Gutenberg Project इसका उत्कृष्ठ उदाहरण है।

ऑनलाइन बुकिंग

इंटरनेट की प्रसिद्धि तथा व्यापक प्रयोग का यह भी एक महत्वपूर्ण कारण है। यात्रा टिकट से लेकर ईश्वर दर्शन तक ऑनलाइन बुकिंग सेवा आज ट्रेड बन चुका है। रेल, सिनेमा, बस इतना ही नहीं अस्पताल, गैस सिलेंडर से लेकर होटल या किसी संगोष्ठी या कार्यशालाओं के लिए इंटरनेट के माध्यम से बुकिंग की जाती हैं। निहित स्थान और तिथि के हिसाब से किसी भी सेवा को पहले से ही अपने लिए निश्चित करना बुकिंग है, जो इंटरनेट से सुविधा पूर्वक की जा रही है।  

नौकरी खोज

पहले नौकरी पाना मतलब रेत रगड़ कर तेल निकालने समान था। नौकरी के लिए दर-दर भटकना, एडिया घिसना, अर्जीयां या आवेदन देना आदि कितने ही ऐसे झंझट थे। पढ़ाई या किसी कोर्स को पूरा करने के बाद सबसे बड़ी चुनौती नौकरी पाना है। पर इंटरनेट ने इस क्षेत्र में भी कई नए अवसर एवं प्लेटफार्म उपलब्ध कराए हैं। नौकरी के लिए विज्ञापन, ऑनलाइन रिज्यूम अर्थात आवेदन पत्र बनाने से लेकर कंपनियों को यह रिज्यूम मेल करना, ऑनलाइन इंटरव्यू जैसे काम सहजता से हो रहे हैं। इसी इंटरनेट की बदौलत आज का युवा हाई पैकेज की नौकरियां भी पा रहा है।  


ब्लॉगिंग

पाठकों, विचारकों को अभिव्यक्ति का खुला मंच देने के साथ विज्ञापनों के लिए ऑनलाइन दुनिया में कुछ जगह देकर पैसे कमाने का माध्यम बन चुका है-ब्लॉगिंग, जो इंटरनेट का ही एक रूप है। अभिव्यक्ति को कम खर्चे में माध्यम देने का काम ब्लॉग, वर्डप्रेस, ब्लॉग पोस्ट के माध्यम से हो रहा है। ब्लॉगिंग इंटरनेट के माध्यम से सिर्फ वैचारिक अभिव्यक्ति का, बल्कि नवनिर्माण का कार्य कर रहा है।

चिकित्सा क्षेत्र

चिकित्सा जैसे जीवन रक्षा क्षेत्र में भी इंटरनेट का महत्व नकारा नहीं जा सकता। दुनिया भर के
चिकित्सक, चिकित्सा वैज्ञानिक अपने ज्ञान-अनुभव ही नहीं, प्रत्यक्ष कृति आदि की जानकारी इंटरनेट के माध्यम से एक दूसरे से साझा कर रहे हैं। बदलती सूचना प्रोद्योगिकी ने चिकित्सा प्रणालियों में भी परिवर्तन किए है, जिसका आधार इंटरनेट है।

सोशल मीडिया

वर्तमान में सोशल मीडिया (Social Media) हमारी जिंदगी का अभिन्न हिस्सा बन चूका है। सूचना आदान-प्रदान करना, मनोरंजन और शिक्षा के बेहतर माध्यम के रूप में सोशल मीडिया की ओर देखा जा रहा है। ऐसे में सोशल मीडिया और इंटरनेट के बारे में कुछ कहना मतलब हाथ कंगन को आरसी दिखाना। पिछले कुछ वर्षों में इसी सोशल मीडिया के कारण कई सामाजिक और राजनितिक आंदोलनों को बल मिलता हमने देखा है। Facebook, WhatsApp, Share Chat, Instagram तथा अन्य चैटिंग प्रोग्राम और न जाने इस सोशल मीडिया के कितने रूप हैं। मात्र इन्हें चलाने वाला केवल एक है- इंटरनेट। लेकिन जहां इंटरनेट गायब, वहां मोबाइल या कंप्यूटर में यह सोशल मीडिया बेजान पड़ा रहता है !

खरीददारी के क्षेत्र

इसे ई-व्यापार के रूप में देखा जा सकता है। वाणिज्यिक व्यवसाय, समूहों, व्यक्तियों के बीच उत्पाद
सेवा के आदान-प्रदान के हेतु से ई-बिजनेस (E –Busines) संकल्पना का गठन किया गया था।
1996 में आईबीएम (IBM) के मार्केटिंग-इंटरनेट टीम ने इस शब्द को बनाया था। इंटरनेट ने ग्राहकों के लिए बाजार की संकल्पना को विस्तृत कर दिया। इंटरनेट प्रयोगकर्ता किसी भी जगह से, किसी भी वस्तु की खरीदारी नगद या एटीएम (ATM) डेबिट (Debit) / क्रेडिट(Credit) कार्ड के रूप में कर सकता है। यह बाजार 24 घंटे खुला है। इसी कारण वर्तमान में ऑनलाइन शॉपिंग (Online Shopping) का जोर बढ़ रहा है। Amazon, Snapdeal, Flipcart जैसे कई ऑनलाइन शॉपिंग समूह सस्ते दाम का दावा कर ग्राहकों को आकर्षित कर रहे हैं।  

भुगतान के क्षेत्र 

खरीददारी के साथ ही भुगतान के क्षेत्र में इंटरनेट आगे हैं। इसमें बिलों का ऑनलाइन भुगतान करने की सेवा दी जाती है। सामान्य तथा विशेष बिलों का भुगतान इंटरनेट की मदद से हो रहा है। फिर चाहे वह बिजली का बिल हो, पानी, टेलीफोन, केबल के बिल हो या फिर किसी प्रीमियम का भुगतान, इंटरनेट इन सेवाओं के लिए ग्राहकों के लिए उपलब्ध है।

इंटरनेट हानि या दुष्परिणाम

  1. फिशिग जैसी तकनीक के दुरुपयोग से किसी भी अन्य व्यक्ति के बैंक या ईमेल खाते को हैक करके उसका दुरुपयोग बड़े पैमाने पर किया जाता है।
  2. नेट पर सब चीजें बड़ी आसानी से उपलब्ध हो रही है। अत: मनुष्य बौद्धिक बल का प्रयोग कम करने लगा है। हमारी सोच-विचार का दायरा छोटा हो रहा है। हम खुद सोचने की जगह दूसरों की सोच का अंधानुकरण कर रहे हैं।
  3. इंटरनेट एक जगह पर बिठाकर हमारे शारीरिक-मानसिक स्वास्थ्य पर असर करता है। इंटरनेट का अत्याधिक उपयोग करने वालों में माइग्रेन, पीठ दर्द, बढ़ता वजन, डिप्रेशन, निद्रानाश जैसे लक्षण मिलते हैं।
  4. सोशल मीडिया की चकाचौंध और ग्लैमर में छोटे-छोटे बच्चे भटक रहे हैं। युवा अपसंस्कृति का शिकार हो रहे हैं और अपनी ही संस्कृति को भूल रहे हैं।  
  5. इंटरनेट जितना ज्ञानवर्धक है उतना ही समय की बर्बादी का भी कारण है। किसी जानकारी की खोज के साथ-साथ अन्य विषय आदि की और भटकाने का काम भी इंटरनेट करता है। वास्तव में इंटरनेट आदत बन रहा है।  
  6. इंटरनेट की रफ्तार से भागते हुए आज के मनुष्य का जीवन भी असंतुलित हो रहा है।  
  7. व्यक्तिगत जानकारी चुराकर उसके दुष्प्रयोग की अधिक संभावना को नकारा नहीं जा सकता।
  8. इंटरनेट की कुछ जानकारी का बच्चों के मानसिक एवं शारीरिक स्वास्थ्य पर नकारात्मक परिणाम अधिक देखा जा सकता है।
  9. सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि इंटरनेट पैसे का अपव्यय करता है। क्योंकि जिस इंटरनेट की हम अब तक बात कर रहे हैं वह बिना दाम के नहीं मिलता। उसके लिए पैसे चुकाने पड़ते हैं।

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